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कमी हिन्दी में नहीं, हिन्दीभाषियों में है
हिन्दी और संस्कृत मिलकर संपूर्ण कम्प्यूटर-विश्व पर राज कर सकती हैं। वे इक्कीसवीं सदी की विश्वभाषा बन सकती हैं। जो भाषा कम से कम पिछले एक हजार साल से करोड़ों-अरबों लोगों द्वारा बोली जा रही है और जिसका उपयोग
View Article~ हिन्दी “मौसी” नहीं “माँ” है ~
ओह! हाय मॉम आई एम बैक फ़्राम द स्कूल। हाऊ शुड आई टेल यू, इट वॉस ए लॉन्ग टायरिंग डे मॉम। एंड यू नो आई हेव वन टुडेज़ ‘हिन्दी डे' डिबेट कॉम्पिटिशन। ये बर्गरयुगी भाषा है दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी...
View Articleबलिहारी गुरु आपकी...
पिछले पन्द्रह बीस सालों में शिक्षा-व्यवस्था का ढाँचा लगभग बदल ही गया है। ऊपरी तौर पर जो-जो परिवर्तन परिलक्षित हो रहे हों लेकिन भीतर ही भीतर एक बड़ा बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में हमें दिख रहा है। यह...
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